सूरज और हरियाली से भरी राह जहाँ पेड़, छांव और शांति जीवन में एक विराम और दिल को सुकून देने वाला पल बनाते हैं।
कभी-कभी ऐसे दिन होते हैं
जब बस बिना किसी उद्देश्य के चलना चाहता हूँ।
ऐसे समय में यह रास्ता याद आता है।
समान दूरी पर लगे पेड़
हरे सिपाहियों जैसे लगते हैं,
छांव और रोशनी के बीच लय बनाते हैं।
सूरज की किरणें पत्तों के बीच से चुपचाप आती हैं,
हवा धीरे से चेहरे को छूती है।
उस पल ऐसा लगता है जैसे समय रुक गया हो।
जमीन पर सफेद टाइलें बिखरी हैं,
हर कदम एक ताल बनाता है।
यह रास्ता उदासीन होकर भी कोमल है,
चुपचाप दिलासा देता है।
बेंच पर बैठे लोग भी अच्छे लगते हैं—
कोई किताब पढ़ता है, कोई फोन पर बात करता है,
कोई बस पेड़ों को देख रहा है।
हर कोई अपनी चुपचाप की दुनिया में है।
दूर पहाड़ और नीला आकाश दिखता है।
शहर के बीच यह एक छोटा सा प्राकृतिक आश्रय है।
जब जीवन थका दे,
यहाँ बिना कुछ कहे चलना
दिल के भीतर की धूल साफ कर देता है।
कुछ लोग इसे
साधारण रास्ता कह सकते हैं।
पर मेरे लिए यह
एक छोटा सा विराम है,
साँस लेने का पन्ना।
आज भी इस राह पर
मुझे चुपचाप दिलासा मिला।
हरीतिमा मन में भी उतर गई—
एक सुकून भरी सैर।

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